रविवार, 6 अप्रैल 2008

श्री दुर्गा बत्तीस नाम माला

एक समय की बात है , ब्रह्मा आदि देवताओं की प्रार्थना से प्रसन्न होकर दयामई दुर्गा मां ने कहा -
"देवगण! सुनो - यह रहस्य अत्यन्त गोपनीय व दुर्लभ है । मेरी बत्तीस नामों की माला सब प्रकार की आपत्ति का विनाश करने वाली है । तीनों लोकों में इसके समान कोई स्तुति नहीं है -
दुर्गा दुर्गार्तिशमनी दुर्गापद्विनिवारिणी ।
दुर्गमच्छेदिनी दुर्गसाधिनी दुर्गनाशिनी । ।
दुर्गतोद्धारिणी दुर्गनिहन्त्री दुर्गमापहा ।
दुर्गमज्ञानदा दुर्गदैत्यलोकदवानला । ।
दुर्गमा दुर्गमालोका दुर्गमात्मस्वरूपिणी ।
दुर्गमार्गप्रदा दुर्गमविद्या दुर्गमाश्रिता । ।
दुर्गमज्ञानसंस्थाना दुर्गमध्यानभासिनी ।
दुर्गमोहा दुर्गमगा दुर्गमार्थस्वरूपिणी । ।
दुर्गमासुरसंहन्त्री दुर्गमायुधधारिणी ।
दुर्गमान्गी दुर्गमता दुर्गम्या दुर्गमेश्वरी । ।
दुर्गभीमा दुर्गभामा दुर्गभा दुर्गदारिणी ।
नामावलिमिमां यस्तु दुर्गाया मम मानवः । ।
जो देवगण, मनुष्य और दैत्य इस नाम माला का पाठ करता है ; वह सब प्रकार के भय से मुक्त हो जाता है ।
.....................प्रस्तुति :- तरुण मिश्रा

0 टिप्पणियाँ:

Twitter Delicious Facebook Digg Stumbleupon Favorites More