कल्प वृक्ष की परिकल्पना   
           हमने कल्पना की की स्वर्ग  में कल्प वृक्ष होंगे , उनके नीचे आदमी बैठेगा । इच्छा  करेगा , करते  ही  इच्छा पूरी हो जायेगी । लेकिन अगर आपको कल्प वृक्ष मिल जाये , तो बहुत सम्हलकर उसके नीचे बैठना । क्योंकि आपकी इच्छाओं  का कोई भरोसा नहीं है । 
           मैंने  एक  कहानी सुनी है । एक दफा  एक  आदमी - हमारे -आपके ही जैसा एक आदमी -भूल से  कल्प वृक्ष  के  नीचे  पंहुच गया । उसको पता भी नहीं था कि यह  कल्प वृक्ष  है ।  उसके नीचे बैठते ही उसको लगा कि बहुत भूख लगी है : अगर कहीं  भोजन मिल जाता  तो .... । वह  एक दम चौंका , एक दम भोजन  की थालियाँ चारो  तरफ  आ गईं ।  वह थोड़ा डरा  भी कि यह क्या मामला है , कोई भूत प्रेत तो नही है यहाँ ! कहीं यहाँ कोई भूत प्रेत न हो ! उसके ऐसा सोचते ही - भोजन की थालियाँ गायब हो गईं , भूत प्रेत चारों ओर खडे हो गए । वह घबराया ! यह तो बडा उपद्रव है कोई गला न दबा दे ! भूत प्रेतों ने उसका गला दबा दिया ।  
              आपको अगर कल्प वृक्ष  मिल जाये तो भाग जाना , क्योंकि आपको अपनी इच्छाओं का कोई  पक्का पता नहीं  की आप क्या मांग बैठेंगे । क्या आप के भीतर से निकल आएगा । आप झंझट में पड़ जायेंगे , वहां पूरा हो जाता है सब कुछ ..................................... । 
                                                                                             होली की हार्दिक शुभकामनायें ....
गुरुवार, 20 मार्च 2008
जो मांगोगे वही मिलेगा ...२ (गतांक से आगे )
Posted by tarun mishra on 7:50 pm



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